रोचक जानकारी गणेश खजराना मंदिर
खजराना मंदिर इन्दौर का प्रसिद्ध गणेश मंदिर है यह मंदिर विजय नगर से कुछ दूरी पर खजराना चौक के पास में स्थित है। इस मंदिर का निर्माण अहिल्या बाई होल्कर द्वारा किया गया था। इस मंदिर में मुख्य मूर्ति भगवान गणपति की है, जो केवल सिन्दूर द्वारा निर्मित है। इस मंदिर में गणेश जी के अतिरिक्त माता दुर्गा जी, महाकालेश्वर की भूमिगत शिवलिंग, गंगा जी की मगरमच्छ पर जलधारा मूर्ति, लक्ष्मी जी का मंदिर, साथ ही हनुमान जी की झाँकी मन मुग्ध करने वाली है। यहाँ शनि देव मंदिर एवं साई नाथ का भी भव्य मंदिर विराजमान है, यहाँ इस तरह की अनुभूति होती है ,जैसे सारे देवी, देवता एक स्थान पर उपस्थित हो गये हों। यहाँ आकर समय का आभास ही नही रहता है ।यहाँ की मंदिर व्यवस्था बहुत ही उत्तम कोटि की है। इस मंदिर में 10,000 से लोग हर दिन दर्शन करते है। यहाँ जो भी भक्त अपनी मनोकामना की पूर्ति के लिये गणेश जी के पीठ पर उल्टा स्वास्तिक बनाता है,गणपति जी उसकी मनोकामना पूर्ण करते हैं। मनोकामना पूर्ण होने के पश्चात पुनः सीधा स्वास्तिक बनाते हैं।यहाँ गणेश जी की विशेष आराधना बुध वार ऐवं चतुर्थी को की जाती है,इस दिनों भक्तों की अपार भीड़ दर्शनार्थ जुटते हैं
Khajrana Ganesh Mandir
Khajrana Ganesh Mandir Indore
Duniya Ki sabse mahangi dukan
खजराना के गणेश मंदिर का इतिहास
खजराना गणेश मंदिर का निर्माण रानी अहिल्याबाई होल्कर ने करवाया था। यह मंदिर भारत के प्रसिद्ध हिंदू मंदिरों में से एक है। ज्यादातर बुधवार एवं रविवार को विशाल संख्या मे लोग दर्शन करने के लिए इस मंदिर में आते हैं। एक स्थानीय मान्यता के अनुसार, इस मंदिर में पूजा करने पर भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। इस मंदिर का मुख्य त्योहार विनायक चतुर्थी है और इसे अगस्त और सितंबर के महीने में भव्य तरीके से आयोजित किया जाता है
मंदिर को सरकार ने अपने कब्जे में ले लिया है। मंदिर का प्रबंधन भट्ट परिवार द्वारा किया जाता है। ऐसा माना जाता है कि औरंगजेब से मूर्ति की रक्षा करने के लिए, मूर्ति को एक कुएं में छिपा दिया गया था और 1735 में, इसे कुएं से निकाल लिया गया था और 1735 में एक मंदिर की स्थापना अहिल्याबाई होल्कर द्वारा की गई थी, जो मराठा के होली वंश से संबंधित थी। साम्राज्य।
पिछले कुछ वर्षों में मंदिर का काफी विकास हुआ है। यह एक छोटी झोपड़ी से एक विशाल मंदिर और शहर में सबसे प्रतिष्ठित मंदिर के रूप में विकसित हुआ है। मंदिर में सोने, हीरे और अन्य बहुमूल्य रत्नों का नियमित दान किया जाता है। गर्भगृह की बाहरी दीवार और दीवार चांदी से बनी है और इस पर विभिन्न मनोदशाओं और उत्सवों का चित्रण किया गया है। देवता की आंखें हीरे से बनी होती हैं जो इंदौर के एक व्यवसायी ने दान में दी थीं। गर्भगृह की ऊपरी दीवार चांदी
नि:शुल्क भोजन
गणेश मंदिर में भक्तों के लिए निशुल्क भोजन की भी व्यवस्था की गई है. हजारो की संख्या में लोग यहां हर रोज भोजन करते हैं. इसके अलावा, जिन भक्तों की मन्नत पूरी होती है वो स्वयं के बराबर लड्डुओं से तुला दान करते है.
दुनिया की सबसे महंगी दुकान
एमपी की आर्थिक राजधानी इंदौर (indore khajrana ganesh mandir) में एक दुकान का सौदा पूरे देश के हैरान कर रहा है। यह देश के सबसे महंगे रियल एस्टेट सौदों में से एक है। इंदौर के प्रसिद्ध श्री खजराना गणेश मंदिर के पास पूजन सामाग्री बेचने वाली एक दुकान की बोली 30 साल के लिए 1.72 करोड़ रुपये में लगी है। ए1 नाम की यह दुकान श्री खजराना गणेश मंदिर में सिर्फ 69.5 वर्ग फीट में फैली हुई है। इंदौर विकास प्राधिकरण ने इसे नीलामी में रखा था। इसका बेस प्राइस ब्राइस 43,000 रुपये प्रति वर्ग फीट था लेकिन 2.47 लाख रुपये प्रति वर्ग फीट की उच्चतम बोली लगी है। बताया जा रहा है कि देश में यह सबसे महंगा रियल स्टेट सौदा है।
इंदौर विकास प्राधिकरण के सीईओ राम प्रकाश अहिरवार ने कहा कि दुकान ए1 के लिए आधार मूल्य 30 लाख रुपये का रखा गया था। इसमें छह लोगों ने सबसे अधिक बोली लगाई, 40 लाख रुपये, 60.8 लाख रुपये, 91.1 लाख रुपये, 1.1 करोड़ रुपये और 1.61 करोड़ रुपये की बोली लगी। इसके बाद देवेंद्र राठौर ने सबसे अधिक 1.72 करोड़ रुपये की बोली लगाई। आईडीए के अधिकारियों ने राठौर से संपर्क किया और पूछा कि क्या उन्होंने गलती से बोली लगाई थी लेकिन उन्होंने कहा कि निश्निचत रूप से ऐसा नहीं था।
अधिकारियों ने कहा कि यह देश में किसी भी व्यावसायिक संपत्ति के लिए दी जाने वाली प्रति वर्ग फुट की उच्चतम दरों में से एक है। राठौर को राशि जमा करने के लि एक महीने का समय दिया गया है। इंदौर में इस दुकान की चर्चा खूब हो रही है।
पट्टे की शर्तों के अनुसार दुकान का उपयोग केवल फूल, प्रसाद और अन्य पूजा सामग्री बेच सकते हैं। 30 साल के लिए उन्हें यह दुकान दिया गया है। गौरतलब है कि खजराना गणेश मंदिर में हर दिन हजारों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं, जिसका बड़े पैमाने पर विस्तार और विकास किया जा रहा है। दुकान 20-ए का आधार मूल्य 20 लाख रुपये रखा गया था। उसके लिए 22.5 लाख रुपये की बोली मिली है। इसके लिए केवल एक व्यक्ति ने बोली लगाई है। आईडीए सीईओ ने कहा कि इसलिए इस प्रस्ताव को बोर्ड के पास भेज दिया गया है।